दिल्ली, 29 जुलाई 2025 कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज न केवल संसद में केंद्र सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और गरीब विरोधी नीतियों पर घेरा, बल्कि एक मानवीय पहल के तहत जम्मू-कश्मीर के 22 अनाथ बच्चों की शिक्षा की ज़िम्मेदारी उठाने का भी ऐलान किया। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब संसद के मॉनसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच जोरदार बहस जारी है।

22 अनाथ बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे राहुल गांधी
पोंछ सेक्टर (जम्मू-कश्मीर) में हाल ही में हुई पाकिस्तानी गोलाबारी में जिन 22 बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया था, उन सभी की जिम्मेदारी राहुल गांधी ने खुद ली है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों की शिक्षा का खर्च जब तक वह स्नातक (Graduation) पूरी नहीं कर लेते, तब तक वे खुद वहन करेंगे। इसके लिए एक ट्रस्ट के ज़रिए आर्थिक सहायता और मार्गदर्शन की योजना तैयार की जा रही है।
राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“ये बच्चे न केवल अपनों से बिछड़ चुके हैं, बल्कि भविष्य के प्रति भी असमंजस में हैं। मैं उनकी शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान का ज़िम्मा लेता हूं — ये कोई दान नहीं, मेरा कर्तव्य है।”
इस घोषणा को राजनीतिक गलियारों में एक भावनात्मक और मानवीय संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जो संसद की गर्मागर्म बहसों के बीच एक अलग दृष्टिकोण पेश करता है।
लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तीखा सवाल
आज संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत की सैन्य कार्रवाई और उसकी रणनीति का ब्योरा दे रहे थे, उस वक्त राहुल गांधी ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए पूछा —
“फिर आपने कार्रवाई क्यों रोकी?”
इस एक सवाल ने पूरे सदन में एक नई बहस को जन्म दे दिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों को “राजनीतिक प्रचार का माध्यम” बना रही है, जबकि सार्वजनिक और संसदीय पारदर्शिता की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सीमित सूचनाएं दे रही है और जनता को विश्वास में नहीं ले रही है।
“हमारे सैनिक सीमा पर जान की बाज़ी लगा रहे हैं, लेकिन दिल्ली में बैठे लोग तथ्यों को दबा रहे हैं। देश की जनता को सच्चाई जानने का हक़ है।”
बीजेपी का पलटवार: ‘लीडर ऑफ पोज़िंग भारत’
राहुल गांधी के इस रुख पर बीजेपी नेताओं ने तीखा पलटवार किया। विशेष रूप से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें संसद में “पाकिस्तान का पोस्टर बॉय” और “लीडर ऑफ पोज़िंग भारत (LoB)” कह कर संबोधित किया। ठाकुर ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी बार-बार ऐसे बयान देते हैं जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को नुक़सान पहुंचाते हैं।
उन्होंने कहा,
“राहुल गांधी विपक्ष के नेता नहीं, बल्कि भारत के विरोध का चेहरा बन चुके हैं। उन्हें हर बार पाकिस्तान के एजेंडे से मेल खाते बयान देने की आदत हो चुकी है।”
राहुल गांधी ने इस पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन उनके सहयोगियों ने बीजेपी के बयानों को “शर्मनाक और मुद्दों से भटकाने वाला” बताया।
दिल्ली में बेघर हुए गरीबों की पैरवी
इसके अलावा, राहुल गांधी ने राजधानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में चल रही बुलडोज़र कार्रवाई पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और केंद्र मिलकर गरीबों को बसाने की बजाय उजाड़ने में लगे हैं।
“आवास मानवाधिकार है, और सरकार गरीबों को घर देने के बजाय उनके सिर से छत छीन रही है। यह कार्रवाई असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है।”
उन्होंने प्रभावित परिवारों से मिलकर उन्हें हर तरह की कानूनी और नैतिक मदद का आश्वासन दिया।
महाराष्ट्र में कोर्ट पेशी: जमानत मिली
आज ही राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के नासिक कोर्ट में सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर चल रहे एक मामले में हाजिरी दी। अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है। राहुल गांधी ने कोर्ट के बाहर कहा कि,
“सत्य बोलना अपराध नहीं है। अगर मेरे शब्द किसी को चुभते हैं, तो उन्हें सच्चाई का सामना करना चाहिए, न कि मुकदमा दायर करना।”