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भारत की अर्थव्यवस्था में फिर दिखी मजबूती की रफ्तार, जुलाई 2025 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुँची GST वसूली

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नई दिल्ली, 3 अगस्त 2025 भारत की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर मजबूती का संकेत देते हुए जुलाई 2025 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रहण में नया रिकॉर्ड बनाया है। वित्त मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देशभर में जुलाई माह में कुल ₹1.82 लाख करोड़ की GST वसूली हुई, जो कि अब तक की तीसरी सबसे बड़ी मासिक वसूली है।

वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह आंकड़ा पिछले वर्ष जुलाई 2024 की तुलना में लगभग 11.5% अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि भारतीय बाजार में उपभोक्ता मांग के स्थायित्व, ई-कॉमर्स के विस्तार और टैक्स कंप्लायंस में सुधार का परिणाम है।

विवरण: किस तरह बंटा GST संग्रहण

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी डेटा के मुताबिक:

CGST (केंद्रीय जीएसटी): ₹32,791 करोड़

SGST (राज्य जीएसटी): ₹40,145 करोड़

IGST (इंटीग्रेटेड जीएसटी): ₹92,235 करोड़ (जिसमें ₹42,512 करोड़ आयात से)

सेस (उपकर): ₹17,223 करोड़ (जिसमें ₹1,342 करोड़ आयात से)

यह आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारों दोनों की आय में स्थिरता बनी हुई है, जिससे सार्वजनिक कल्याण योजनाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में तेजी आ सकती है।

क्या हैं इसकी प्रमुख वजहें?

त्योहारों से पहले खरीदी में तेजी:
जुलाई माह में रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस जैसे आगामी त्योहारों की तैयारी शुरू हो जाती है। इसके चलते खुदरा और थोक व्यापार में गति आती है, जिसका सीधा असर GST वसूली पर देखा गया।

डिजिटल ट्रांजैक्शन में उछाल:
UPI जैसे डिजिटल भुगतान माध्यमों की व्यापकता ने व्यापार को पारदर्शी बनाया है। इससे सरकार को कर वसूली आसान हो गई है।

ई-इनवॉइसिंग और ई-वे बिल की सख्ती:
वित्त मंत्रालय द्वारा छोटे व्यापारियों के लिए भी ई-इनवॉइस को अनिवार्य करने का निर्णय हाल ही में लिया गया है। इससे टैक्स चोरी की संभावनाओं में कमी आई है और वसूली में सुधार हुआ है।

आर्थिक विश्लेषकों की राय

वित्तीय मामलों के जानकार और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. राकेश शर्मा का कहना है कि,

लगातार बढ़ती GST वसूली से साफ है कि भारत की आर्थिक मशीनरी मजबूत हो रही है। सरकार की तरफ से टैक्स नेट को बढ़ाने के प्रयास और उपभोक्ताओं की बढ़ती खरीद शक्ति, दोनों मिलकर इस रुझान को समर्थन दे रहे हैं।

वहीं अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट एजेंसी Moody’s ने भी भारत के टैक्स सिस्टम की सराहना करते हुए कहा है कि देश की टैक्स बेस में निरंतर वृद्धि, मध्यावधि में आर्थिक स्थिरता की नींव रख रही है।

राज्यों को कितना मिला हिस्सा?

GST कलेक्शन के बाद केंद्र सरकार राज्यों को उनके हिस्से का फंड ट्रांसफर करती है। जुलाई 2025 में कुल ₹72,000 करोड़ राज्यों को ट्रांसफर किया गया। इसमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात शीर्ष पर रहे। इन राज्यों की औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियाँ सबसे अधिक सक्रिय हैं, जिससे यहाँ से अधिक टैक्स वसूली होती है।

भविष्य की राह: क्या कहता है डेटा?

हालिया रुझानों के अनुसार, अगस्त और सितंबर 2025 में GST संग्रहण में और तेजी देखने को मिल सकती है। इसके पीछे प्रमुख कारण हैं:

त्योहारी सीजन की शुरुआत

मॉनसून की सामान्य स्थिति से कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ना

शहरी उपभोग में निरंतर बढ़ोत्तरी

सरकार अब छोटे व्यापारियों को और अधिक टैक्स नेटवर्क में लाने के लिए GST रजिस्ट्रेशन को और सरल बनाने की दिशा में काम कर रही है।

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