शिमला, 6 अगस्त 2025 — हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। सोमवार रात और मंगलवार सुबह के बीच प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश हुई, जिससे भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और सड़क अवरोधन जैसी आपदाएं सामने आई हैं। सबसे गंभीर स्थिति किन्नौर जिले में देखी गई, जहां किन्नर कैलाश यात्रा मार्ग पर टैंगलिंग क्षेत्र में बादल फटने (क्लाउडबर्स्ट) की घटना हुई। इसमें सौभाग्यवश कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन तीर्थयात्रा को रोक दिया गया और 413 श्रद्धालुओं को ITBP द्वारा सुरक्षित निकाला गया।

बादल फटने से अफरा-तफरी, ITBP ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना सोमवार देर शाम की है जब अचानक टैंगलिंग क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के साथ बादल फट गया। इससे क्षेत्र में जलप्रवाह इतना तेज हुआ कि तीर्थयात्रियों के टेंट बह गए और पैदल रास्ते बहाव में डूब गए। स्थिति को देखते हुए इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) की टीम ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। जवानों ने रस्सी से पुल बनाकर 413 यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। यह कार्य रात भर चला और मंगलवार सुबह तक सभी यात्रियों को बचा लिया गया।
446 सड़कें बंद, NH-5 भी अवरुद्ध
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार राज्य में कुल 446 मार्ग बंद हैं, जिनमें मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग चंडीगढ़-मनाली NH-3 और NH-5 (शिमला-रिकांगपिओ मार्ग) प्रमुख हैं। किन्नौर जिले में कई जगहों पर पत्थर गिरने और भूस्खलन के कारण सड़कों पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। मंडी जिले में सुकेंटी नाले का जलस्तर बढ़ने से आसपास के बाजार और मंदिर जलमग्न हो गए, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
मंडी, कुल्लू, किन्नौर सबसे ज्यादा प्रभावित
बारिश से मंडी, कुल्लू और किन्नौर जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। मंडी में जल स्तर बढ़ने से पंचवक्र मंदिर और आसपास के रिहायशी इलाके जलमग्न हो गए हैं। कुल्लू के बांजर और अन्नी उपमंडलों में भूस्खलन की आशंका बनी हुई है, वहीं अन्नी के बलू गांव में स्कूल की दीवार गिरने से भवन क्षतिग्रस्त हुआ है। किन्नौर के रिब्बा क्षेत्र में नदी उफान पर है, और कई खेत बह गए हैं।
54 करोड़ से अधिक का नुकसान, बिजली-पानी सेवाएं बाधित
प्रशासन के अनुसार बारिश से अभी तक ₹54 करोड़ का अनुमानित नुकसान हो चुका है। सिर्फ मंडी जिले में ही जल, विद्युत और लोक निर्माण विभाग को ₹23 करोड़ से अधिक की क्षति हुई है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में 747 ट्रांसफार्मर और 249 जल योजनाएं ठप पड़ी हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पानी और बिजली की भारी किल्लत हो रही है।
20 जून से अब तक 194 मौतें, 108 बारिश से सीधे जुड़ी
SDMA की रिपोर्ट के अनुसार इस मानसून सत्र की शुरुआत (20 जून 2025) से अब तक 194 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 108 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, क्लाउडबर्स्ट और फ्लैश फ्लड से हुई हैं। इसके अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाओं में भी 86 लोगों की जान गई है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
स्कूल-कॉलेज बंद, सुरक्षा के कड़े निर्देश
भारी बारिश के कारण शिमला जिले के 6 उपमंडलों — चोपाल, कुम्हरासैन, रामपुर, सुन्नी, जुब्बल और थियोग — में स्कूल, कॉलेज, ITI और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा न करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
मौसम विभाग की चेतावनी: 8 अगस्त तक भारी बारिश जारी रहेगी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश के लिए 8 अगस्त तक “ऑरेंज अलर्ट” जारी किया है, जिसमें भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। विशेषकर सोलन, मंडी, कांगड़ा, ऊना और शिमला जिलों में अगले 2-3 दिनों तक अत्यधिक वर्षा की आशंका है। IMD के मुताबिक, पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और सड़कें टूटने की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य जारी
राज्य प्रशासन, NDRF और SDRF की टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। पंडोह और कोलडैम जलाशयों के गेट खोले गए हैं ताकि पानी का दबाव नियंत्रित किया जा सके। दवाओं, पेयजल और खाद्य सामग्री की आपूर्ति प्रभावित इलाकों में तेजी से भेजी जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी जिलाधिकारियों को 24×7 मॉनिटरिंग और आपात कंट्रोल रूम सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं।