Latest Stories

देश

कोलकाता में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार, प्रधानमंत्री मोदी ने किया उद्घाटन

1 Mins read

कोलकाता, 22 अगस्त 2025 पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आज सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक दिन दर्ज किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कई नई मेट्रो परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं के शुरू होने से न केवल शहर की कनेक्टिविटी बेहतर होगी बल्कि लाखों यात्रियों को रोज़ाना सफर में सहूलियत भी मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “कोलकाता की मेट्रो परियोजनाएँ आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के संकल्प को मज़बूती देने वाली हैं। इस विस्तार से पश्चिम बंगाल ही नहीं, पूरे पूर्वी भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई गति मिलेगी।”

आज जिन तीन प्रमुख सेक्शनों का उद्घाटन हुआ, उनमें—

ग्रीन लाइन (सीलदह से एस्प्लानेड तक)

येलो लाइन (नोआपारा से जय हिंद तक)

ऑरेंज लाइन (हेमंत मुखर्जी से बेलघाटा तक)

शामिल हैं। मेट्रो नेटवर्क के इस विस्तार से प्रतिदिन लगभग 3 लाख अतिरिक्त यात्री लाभान्वित होंगे।

कोलकाता मेट्रो, जो भारत की सबसे पुरानी मेट्रो प्रणाली है, अब धीरे-धीरे आधुनिक और विस्तारित नेटवर्क में तब्दील हो रही है। रेलवे मंत्रालय का कहना है कि अगले तीन वर्षों में कोलकाता में मेट्रो रूट का दायरा दोगुना हो जाएगा। यह विकास राज्य में रोजगार सृजन और पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम है।


निजी क्षेत्र में जबरदस्त उछाल, अगस्त में दर्ज हुई रिकॉर्ड महंगाई

भारत का निजी क्षेत्र अगस्त 2025 में जबरदस्त तेजी से बढ़ा है। HSBC के फ्लैश इंडिया कंपोजिट PMI (S&P Global द्वारा जारी) के अनुसार,

सेवाओं का PMI 65.6

मैन्युफैक्चरिंग का PMI 59.8

रहा। ये आँकड़े जनवरी 2008 के बाद सबसे ऊँचे स्तर पर हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि नए ऑर्डर और निर्यात कारोबार में हुई वृद्धि ने इस उछाल को संभव बनाया है। हालाँकि, इस वृद्धि के साथ महंगाई भी तेज़ी से बढ़ी है। रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2013 के बाद यह पहली बार है जब इनपुट लागत और आउटपुट कीमतों में इतनी बड़ी छलांग दर्ज की गई है।

इस पर आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) फिलहाल ब्याज दरों में कटौती करने से बच सकता है और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए सख़्त रुख अपनाएगा।


सरसों तेल की बढ़ती कीमतों के बीच पाँच साल बाद शुरू हुआ कनोला तेल आयात

भारत ने लगभग पाँच वर्षों के बाद एक बार फिर कनोला तेल का आयात शुरू कर दिया है। घरेलू बाजार में सरसों के तेल की कीमतें जुलाई 2025 में प्रति टन ₹1,67,000 (लगभग $1,914) तक पहुँच गई थीं। यह आँकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 34% अधिक है।

खाद्य तेल उद्योग से जुड़े जानकारों के अनुसार, अगले वर्ष मार्च 2026 में नई फसल आने तक देश में कीमतों पर दबाव बना रहेगा। इसी वजह से सरकार और व्यापारियों ने विकल्प के तौर पर कनोला तेल आयात करने का निर्णय लिया है। इस महीने यूएई से 6,000 टन कनोला तेल गुजरात के कांडला बंदरगाह पर पहुँचने की उम्मीद है।

भारत विश्व का सबसे बड़ा वनस्पति तेल आयातक देश है। सरसों, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पर निर्भरता अधिक है, लेकिन हाल की महंगाई के चलते उपभोक्ता अब अपेक्षाकृत सस्ते विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।


कोलकाता परियोजनाओं से जुड़े स्थानीय लाभ

इन नई मेट्रो परियोजनाओं के उद्घाटन से कोलकाता के कई इलाकों को सीधा लाभ मिलेगा। सीलदह और एस्प्लानेड जैसे व्यावसायिक केंद्रों को जोड़ने से न केवल आम जनता को राहत मिलेगी बल्कि छोटे दुकानदारों और कामकाजी वर्ग को भी समय की बचत होगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि सार्वजनिक परिवहन में सुधार से कोलकाता में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या भी काफी हद तक कम होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “मेट्रो नेटवर्क का विस्तार सिर्फ एक यातायात परियोजना नहीं बल्कि यह कोलकाता के उज्ज्वल भविष्य का रोडमैप है।”

error: यह कंटेंट IndiaFileStory.com द्वारा सुरक्षित है | कॉपी करना मना है।