नई दिल्ली संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की बहुप्रतीक्षित सिविल सेवा मेन्स परीक्षा 2025 आज यानी 22 अगस्त से शुरू हो गई है। यह परीक्षा कुल पाँच दिनों – 22, 23, 24, 30 और 31 अगस्त – तक आयोजित की जाएगी। देशभर के हजारों परीक्षा केंद्रों पर लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं।
परीक्षा का महत्व
UPSC सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में गिना जाता है। इसके माध्यम से उम्मीदवारों का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए किया जाता है। यही कारण है कि इसे युवाओं के सपनों और करियर का सबसे अहम मोड़ माना जाता है।

मेन्स परीक्षा इस चयन प्रक्रिया का दूसरा और निर्णायक चरण है। इसमें उम्मीदवारों की गहन समझ, विश्लेषण क्षमता, लेखन कौशल और प्रशासनिक दृष्टिकोण की परख की जाती है। यह परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह जानने की नहीं, बल्कि विचारों को व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करने की क्षमता को भी मापती है।
परीक्षा कार्यक्रम और समय
आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, परीक्षा दो पारियों में हो रही है:
सुबह की पारी: 9:00 बजे से 12:00 बजे तक
दोपहर की पारी: 2:30 बजे से 5:30 बजे तक
इन पारियों में अलग-अलग विषयों के पेपर लिए जा रहे हैं। अभ्यर्थियों को निर्धारित समय सीमा के भीतर ही उत्तर पुस्तिकाएँ भरनी होती हैं।
कड़े सुरक्षा और अनुशासनात्मक नियम
UPSC ने परीक्षा की पारदर्शिता और शुचिता बनाए रखने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं।
गेट बंद होने के बाद किसी भी उम्मीदवार को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच, ब्लूटूथ, ईयरफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।
अभ्यर्थियों को केवल एडमिट कार्ड और वैध पहचान पत्र लेकर ही प्रवेश दिया जा रहा है।
परीक्षा केंद्रों पर CCTV निगरानी और बायोमेट्रिक जांच की व्यवस्था की गई है।
इन नियमों का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखना है।
एडमिट कार्ड और तैयारी
इस बार भी एडमिट कार्ड परीक्षा से करीब एक सप्ताह पहले ही UPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किए गए थे। उम्मीदवारों ने इन्हें ऑनलाइन डाउनलोड किया और परीक्षा केंद्रों तक पहुँचने के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन किया।
तैयारी की बात करें तो अधिकांश अभ्यर्थी पिछले एक से डेढ़ साल से लगातार मेहनत कर रहे थे। कोचिंग संस्थान, ऑनलाइन क्लासेस और मॉक टेस्ट सीरीज़ के जरिए रणनीति बनाई गई। विशेषज्ञों का कहना है कि मेन्स परीक्षा में केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि लेखन शैली और समय प्रबंधन भी सफलता की कुंजी है।
उम्मीदवारों का उत्साह और चुनौतियाँ
आज सुबह कई परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों की भीड़ देखी गई। चेहरे पर घबराहट और आत्मविश्वास का मिश्रण साफ दिखाई दे रहा था।
दिल्ली के एक केंद्र पर पहुंचे अभ्यर्थी रोहित ने कहा –
“यह परीक्षा सिर्फ ज्ञान की नहीं, बल्कि धैर्य और आत्मविश्वास की भी परीक्षा है। पिछले एक साल से मैंने रोज़ 10 से 12 घंटे पढ़ाई की है। अब मेहनत को साबित करने का वक्त आ गया है।”
लखनऊ से आई अंशिका नाम की उम्मीदवार ने बताया कि उन्होंने अपने वैकल्पिक विषय पर विशेष ध्यान दिया है, क्योंकि मेन्स परीक्षा में यह अंक निर्धारण का निर्णायक पहलू साबित होता है।
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि UPSC मेन्स परीक्षा उम्मीदवारों से केवल जानकारी नहीं, बल्कि समाज और नीतियों को समझने का दृष्टिकोण भी चाहती है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार का कहना है –
“मेन्स परीक्षा में उत्तर केवल तथ्यपरक नहीं, बल्कि विश्लेषणात्मक होने चाहिए। आयोग ऐसे उम्मीदवार चाहता है जो नीतियों को गहराई से समझें, उनका आकलन करें और प्रशासनिक स्तर पर उन्हें लागू करने की क्षमता रखें।”
समाज और परिवार की उम्मीदें
यह परीक्षा कई उम्मीदवारों के लिए केवल करियर का अवसर नहीं, बल्कि परिवार और समाज की उम्मीदों का भी प्रतीक है। छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों से आए उम्मीदवारों ने बताया कि सफलता उनके परिवारों के लिए जीवन बदलने जैसा होगी।
बिहार के गया से आए एक उम्मीदवार ने कहा –
“हमारे परिवार ने आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद मेरी तैयारी में पूरा साथ दिया है। अगर मैं सफल हुआ तो यह मेरी नहीं, पूरे परिवार की जीत होगी।”