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यमन में हवाई हमला: बढ़ते संघर्ष ने चिंता गहराई

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सना, 24 अगस्त 2025 – यमन में संघर्ष की आग एक बार फिर तेज़ हो गई है। रविवार को राजधानी सना और उसके आसपास के इलाकों में तड़के हुए हवाई हमलों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इन हमलों में कई नागरिकों की मौत और घायल होने की खबर सामने आई है, हालांकि आधिकारिक आंकड़ों की पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जता रहा है।

हमले की पृष्ठभूमि

यमन पिछले एक दशक से संघर्ष का केंद्र बना हुआ है। हौथी विद्रोहियों और यमन की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के बीच चले आ रहे गृहयुद्ध ने देश की राजनीतिक और सामाजिक संरचना को पूरी तरह हिला दिया है। इस संघर्ष में कई बार सऊदी अरब और ईरान जैसे क्षेत्रीय शक्तियों की भूमिका भी सामने आती रही है।

ताज़ा हमला ऐसे समय में हुआ है जब संयुक्त राष्ट्र मध्यस्थता के जरिए संघर्षविराम को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा था। हमले के बाद शांति वार्ता की संभावनाओं पर प्रश्नचिह्न लग गया है।

राजधानी सना बनी निशाना

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, रविवार तड़के सना में कई ज़ोरदार धमाके सुने गए। शहर के उत्तरी हिस्से में रिहायशी इलाकों के पास विस्फोट हुए, जिससे आम नागरिकों में दहशत फैल गई। कई घर क्षतिग्रस्त हो गए और लोग अपने परिवारों को लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे।

घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि बचाव दल और एम्बुलेंस तुरंत सक्रिय हो गईं और मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम शुरू किया। घायल लोगों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

मानवीय संकट और अंतरराष्ट्रीय चिंता

यमन पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकटों में से एक झेल रहा है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, लाखों लोग भोजन, दवाओं और साफ पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। इस बीच नए हवाई हमले ने मानवीय त्रासदी को और गहरा कर दिया है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हमले की निंदा करते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि “नागरिक इलाकों पर हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं और इनसे शांति प्रक्रिया को गंभीर नुकसान पहुँचता है।”

राजनीतिक असर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना के बाद यमन में संघर्षविराम की संभावनाएँ बेहद कम हो गई हैं। अभी तक जो बातचीत चल रही थी, वह पहले से ही बेहद नाज़ुक स्थिति में थी। इस हमले के बाद हौथी विद्रोहियों और सरकारी सेना के बीच तनाव और तेज़ होने की संभावना है।

कई जानकारों का कहना है कि यह हमला केवल सैन्य रणनीति का हिस्सा नहीं है, बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर शक्ति संतुलन को प्रभावित करने का प्रयास भी हो सकता है।

नागरिकों की स्थिति

स्थानीय लोगों का कहना है कि वे अब लगातार डर और असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं। एक निवासी ने बताया, “हम अपने बच्चों को सुरक्षित रखने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं। हर दिन यह डर सताता है कि अगला हमला कब और कहाँ होगा।”

अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर पहले से ही भारी दबाव है। नई आपात स्थितियों के चलते डॉक्टर और नर्स चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। दवाइयों और जरूरी उपकरणों की भारी कमी है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

कई देशों ने यमन में शांति की अपील की है। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने कहा है कि हिंसा रोकना ही क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ज़रूरी है। वहीं मध्य पूर्व के अन्य देशों ने इस हमले को “चिंताजनक” बताया और जल्द से जल्द बातचीत बहाल करने पर जोर दिया।

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Simran Kapoor is a health and sports journalist known for her insightful coverage on fitness trends, athlete wellness, and public health policies. With a background in sports science and over 5 years of field reporting, she blends credible research with engaging narratives. Simran brings stories that connect everyday health challenges with the world of competitive sports and wellness innovations across India.
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