नई दिल्ली, 6 सितंबर 2025 देशभर में मॉनसून की सक्रियता ने हालात बिगाड़ दिए हैं। पंजाब में 30 साल बाद सबसे भयावह बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं राजधानी दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मौसम विभाग ने राजस्थान और गुजरात के कई हिस्सों में रेड अलर्ट जारी किया है। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब के कुछ इलाकों में हल्की बारिश के साथ राहत की संभावना जताई गई है।
पंजाब: तीन दशक की सबसे बड़ी तबाही
पंजाब, जिसे देश का “अनाज का कटोरा” कहा जाता है, इस समय भीषण बाढ़ की चपेट में है। लगातार हुई तेज बारिश ने नदियों और नालों को उफान पर ला दिया है। जानकारी के अनुसार लगभग दो हजार गाँव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है।
कृषि भूमि का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है। खेतों में खड़ी धान और कपास की फसल पूरी तरह बर्बाद हो रही है। किसान बेबस होकर केवल अपनी जमीन और मेहनत के डूबते सपनों को देख रहे हैं। जिन परिवारों के पास थोड़ी बहुत बचत थी, वे अब सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर चुके हैं।

स्थानीय प्रशासन ने कई जगह राहत शिविर लगाए हैं, लेकिन भारी भीड़ के कारण सुविधाएँ पर्याप्त नहीं हैं। पीने के पानी और बिजली की किल्लत लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी भीषण बाढ़ राज्य में तीन दशक बाद देखी जा रही है।
दिल्ली: यमुना के उफान से हाहाकार
राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार खतरे के स्तर से ऊपर बना हुआ है। निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भरने से हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। कई परिवारों को बार-बार अपने घर छोड़कर अस्थायी शिविरों में जाना पड़ा है।
पूर्वी दिल्ली, मयूर विहार, कालींदी कुंज और लोहे के पुल के आसपास सबसे ज्यादा जलभराव है। सड़कें नहर जैसी दिख रही हैं और यातायात पूरी तरह बाधित है। स्कूलों में बच्चों को छुट्टियाँ दी गई हैं ताकि किसी तरह का जोखिम न उठाना पड़े।
एक परिवार की कहानी आज चर्चा में रही, जिसे पहले राहत शिविर में ले जाया गया था लेकिन वहां भी पानी घुस आया। मजबूरी में उन्हें दूसरी बार सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा। यह स्थिति बताती है कि राजधानी जैसे बड़े शहर की भी आपदा प्रबंधन व्यवस्था किस तरह दबाव में है।
राजस्थान और गुजरात: मौसम विभाग का रेड अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में रेड अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में अगले 24 घंटे में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की आशंका जताई गई है।
जयपुर, जोधपुर और उदयपुर के कई इलाकों में पहले से ही जलभराव की स्थिति है। वहीं गुजरात के अहमदाबाद और सौराष्ट्र क्षेत्र में भी तेज बारिश ने जनजीवन प्रभावित किया है। प्रशासन ने निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
यूपी, बिहार और पंजाब: थोड़ी राहत की संभावना
उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के लिए बारिश से फिलहाल थोड़ी राहत की खबर है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों तक यहां केवल हल्की से मध्यम बारिश होगी। इससे एक ओर जहां बाढ़ का खतरा कम होगा, वहीं दूसरी ओर किसानों को फसल बचाने का समय मिल सकेगा।
पंजाब के कुछ इलाकों में भी बारिश की तीव्रता घटने की उम्मीद है, जिससे राहत और बचाव कार्य तेज़ी से आगे बढ़ सकेंगे।
मुंबई और अन्य राज्य
मुंबई में सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश जारी है। गणेश विसर्जन के कारण शहर में लोगों की भीड़ उमड़ रही है, ऐसे में प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए समुद्र तटों और विसर्जन स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
उत्तराखंड में वज्रपात और सड़क बाधित होने की घटनाओं के चलते प्रशासन ने कई स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है। वहीं तेलंगाना और गुजरात में सितंबर के पूरे महीने सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई गई है।
जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौती
विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल की बारिश सामान्य पैटर्न से अलग रही है। उत्तर भारत ने पिछले 14 वर्षों में सबसे ज्यादा दो-सप्ताहीय बारिश का सामना किया है। कहीं सूखा और कहीं बाढ़ जैसी चरम स्थितियाँ इस बात का सबूत हैं कि जलवायु परिवर्तन अब केवल वैज्ञानिक चर्चा का विषय नहीं, बल्कि लोगों के जीवन की कठोर सच्चाई बन चुका है।