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नेपाल में हिंसक ‘Gen Z प्रदर्शन’, सोशल मीडिया बैन से भड़का आक्रोश – अब तक 25 मौतें, सेना तैनात

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काठमांडू ,10 सितंबर 2025 नेपाल इन दिनों बड़े राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। राजधानी काठमांडू सहित कई शहरों में पिछले तीन दिनों से जारी हिंसक प्रदर्शनों ने हालात बेहद तनावपूर्ण बना दिए हैं। यह प्रदर्शन दरअसल सरकार द्वारा लगाए गए सोशल मीडिया प्रतिबंध के बाद शुरू हुए थे, जो धीरे-धीरे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन और राजनीतिक असंतोष में बदल गए।

सोशल मीडिया बैन से भड़की आग

नेपाल सरकार ने 4 सितंबर 2025 को Facebook, X (Twitter), YouTube जैसे लोकप्रिय प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार का कहना था कि इन कंपनियों ने स्थानीय कानूनों के तहत स्थानीय प्रतिनिधि नियुक्त नहीं किया और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का पालन नहीं किया। हालांकि TikTok और Viber जैसे कुछ ऐप्स पर रोक नहीं थी।

युवा वर्ग ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया और सड़कों पर उतर आया। “Stop corruption, not social media” जैसे नारों के साथ शुरू हुआ यह विरोध जल्द ही देशव्यापी आंदोलन में बदल गया।

हिंसा और जनहानि

8 सितंबर को प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प तेज हो गई। संसद भवन की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस, रबर बुलेट और यहां तक कि लाइव फायरिंग का इस्तेमाल किया। उसी दिन कम से कम 19 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों घायल हो गए।

पिछले तीन दिनों में यह संख्या बढ़कर 25 मौतों और 600 से अधिक घायलों तक पहुंच चुकी है। अस्पतालों में भीड़ है और कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

सेना की तैनाती और कर्फ्यू

हालात काबू से बाहर होते देख सरकार ने काठमांडू और अन्य प्रमुख शहरों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। सेना को सड़कों पर उतारा गया है और नागरिकों से घरों में रहने की अपील की गई है।

प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी इमारतों और राजनीतिक नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया। संसद भवन और सिंहदरबार (प्रशासनिक मुख्यालय) के बाहर भी हिंसक दृश्य देखे गए।

सरकार का झुकाव और जांच समिति

तेज दबाव के चलते सरकार को सोशल मीडिया बैन हटाना पड़ा। साथ ही, प्रदर्शन में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए मुआवजा, घायलों के लिए मुफ्त इलाज और 15 दिनों में रिपोर्ट देने वाली जांच समिति की घोषणा की गई है।

विपक्ष का नया प्रस्ताव

विपक्षी दलों और प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशिला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया है। कार्की अपनी ईमानदार और भ्रष्टाचार विरोधी छवि के लिए जानी जाती हैं। इस पर सेना और युवा प्रतिनिधियों के बीच बातचीत भी शुरू हुई है, लेकिन अंतिम निर्णय बाकी है।

भारत और क्षेत्रीय असर

नेपाल में बिगड़ते हालात का असर भारत पर भी पड़ा है। भारत सरकार ने अपने नागरिकों को फिलहाल नेपाल यात्रा से बचने की सलाह दी है। गोरखपुर–सोनौली बॉर्डर और अन्य सीमाई इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

पर्यटन क्षेत्र पर इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है। कई भारतीय पर्यटक नेपाल में फंसे हुए हैं और होटलों में आगजनी जैसी घटनाओं के कारण सुरक्षा संकट से जूझ रहे हैं।

राय

विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल का मौजूदा संकट केवल सोशल मीडिया बैन का नतीजा नहीं है, बल्कि यह युवाओं में लंबे समय से पल रही बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, और राजनीतिक अस्थिरता का विस्फोट है।

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Neha Rathore is a health and science writer based in Lucknow, reporting on medical research, coronavirus updates, and wellness trends. With a background in life sciences and over 4 years in health journalism, she simplifies scientific topics for the general public.
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