शेयर बाजार में मजबूती, निवेशकों का भरोसा लौटा
आज भारतीय शेयर बाजार ने सकारात्मक रुख के साथ दिन की शुरुआत की। निफ़्टी 50 सूचकांक 24,900 अंकों के पार निकल गया, जबकि सेंसेक्स में भी 200 से अधिक अंकों की मजबूती देखी गई। शुरुआती कारोबार में ऊर्जा, बैंकिंग और आईटी सेक्टर की कंपनियों में खासा उत्साह दिखाई दिया।

विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए आर्थिक फैसले और वैश्विक बाजारों में स्थिरता ने निवेशकों के मनोबल को बढ़ाया है। विदेशी निवेशक, जो पिछले कुछ सप्ताहों से लगातार बिकवाली कर रहे थे, अब धीरे-धीरे दोबारा खरीदारी करने लगे हैं। इससे बाजार का माहौल सकारात्मक हुआ है।
बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर यह रुझान जारी रहा, तो निफ्टी और सेंसेक्स आने वाले दिनों में नए रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकते हैं। हालांकि, वे निवेशकों को सावधानी बरतने की भी सलाह दे रहे हैं क्योंकि वैश्विक आर्थिक संकेतकों का असर भारतीय बाजार पर लगातार पड़ता है।
मुंबई में भारी बारिश, स्कूल-कॉलेज बंद
मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में बीते 24 घंटों से जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारतीय मौसम विभाग ने शहर और उपनगरों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने सभी स्कूलों और कॉलेजों को आज बंद रखने का आदेश दिया।
भारी बारिश के कारण कई जगहों पर जलभराव हो गया, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। दादर, सायन, अंधेरी और कुर्ला जैसे इलाकों में पानी भरने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोकल ट्रेन सेवाओं में देरी हुई और कुछ उड़ानों को रद्द करना पड़ा या उन्हें अन्य हवाई अड्डों पर डायवर्ट किया गया।
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे ज़रूरी काम के बिना घर से बाहर न निकलें और मौसम विभाग के निर्देशों का पालन करें। वहीं, राहत एवं बचाव दल को अलर्ट पर रखा गया है ताकि आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
भारत-रूस संबंधों में नई गहराई, विदेश मंत्री का दौरा
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रूस पहुंचे हैं। इस दौरान वे रूस के उच्च-स्तरीय नेताओं और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। चर्चा का मुख्य एजेंडा रक्षा सहयोग, ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी और नई प्रौद्योगिकी को लेकर सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित रहेगा।
भारत और रूस दशकों से रणनीतिक साझेदार रहे हैं। मौजूदा दौर में जब वैश्विक राजनीति में कई उतार-चढ़ाव हो रहे हैं, यह दौरा खास महत्व रखता है। जानकारों का मानना है कि यह यात्रा भारत की संतुलित विदेश नीति का संकेत है।
भारत जहां अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ रिश्तों को मजबूत कर रहा है, वहीं रूस के साथ भी अपने पुराने और भरोसेमंद संबंधों को बनाए रखना चाहता है। यह दौरा आने वाले समय में दोनों देशों के बीच आर्थिक और रक्षा क्षेत्र में नए अवसर खोल सकता है।