नई दिल्ली – भारत में एक बार फिर से कोविड‑19 के मामलों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, देश में वर्तमान में 2,710 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले सप्ताह तक यह संख्या 1,010 के आस‑पास थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वायरस की गतिविधि फिर से गति पकड़ रही है।
सबसे अधिक प्रभावित राज्य :
इस बार भी केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है, जहाँ 1,147 एक्टिव केस हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 424, दिल्ली में 294, और गुजरात में 223 मामले सामने आए हैं। वहीं, उत्तर भारत के राज्यों जैसे राजस्थान (51) और उत्तर प्रदेश (42) में भी मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

नई मौतें और सावधानी की अपील :
पिछले 24 घंटों में 7 नई मौतों की पुष्टि हुई है, जिससे इस वर्ष की कुल मृत्यु संख्या 22 हो गई है। हालांकि, केंद्र सरकार ने साफ किया है कि इन अधिकतर मौतों में मरीज पहले से किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी पीड़ित थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने आम जनता से अपील की है कि घबराने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन सावधानी अवश्य बरती जानी चाहिए।
नया वेरिएंट: NB.1.8.1 की दस्तक :
विशेषज्ञों का मानना है कि मामलों में इस वृद्धि का संभावित कारण कोविड‑19 के एक नए उप‑संस्करण NB.1.8.1 को माना जा रहा है, जो कि Omicron परिवार से जुड़ा हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे “वॉच लिस्ट” में डाल रखा है और दुनिया के कई हिस्सों में इसकी निगरानी की जा रही है।
सरकारी तैयारियां और दिशा-निर्देश :
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अस्पतालों की तैयारी की समीक्षा करने, मेडिकल स्टाफ को सतर्क रहने, और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने, भीड़ से बचने और बूस्टर डोज़ लेने की सलाह दी गई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय :
AIIMS, दिल्ली के वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. राकेश गोयल का कहना है, “ज्यादातर मामले हल्के हैं, लेकिन बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह समय लापरवाह होने का नहीं है।”
जनता की भूमिका महत्वपूर्ण :
सरकार और स्वास्थ्य विभाग चाहे जितनी भी तैयारी करें, जब तक जनता सतर्क नहीं होगी, तब तक संक्रमण की रोकथाम मुश्किल है। इसलिए सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे कोविड‑उपयुक्त व्यवहार करें और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं।