भारत की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई ने एक ऐतिहासिक मौसमी बदलाव का साक्षी बनते हुए मई महीने में ही मानसून की औपचारिक शुरुआत देखी। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह पिछले 75 वर्षों में सबसे जल्दी पहुंचा मानसून है। सामान्यत: मुंबई में मानसून जून के पहले सप्ताह में आता है, लेकिन इस बार 26–27 मई को ही भारी वर्षा के साथ इसका आगमन हो गया।
पिछले 24 घंटों में शहर के कई हिस्सों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई। कोलाबा, नरीमन पॉइंट, बीएमसी मुख्यालय और दक्षिण मुंबई के अन्य क्षेत्रों में 100 से 200 मिमी से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में मई महीने की यह सबसे अधिक वर्षा है, जो पिछले 100 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है।
सार्वजनिक सेवाएं प्रभावित
भारी वर्षा के चलते मुंबई की लोकल ट्रेन सेवाएं और सड़क यातायात पर प्रतिकूल असर पड़ा। कई उड़ानों में देरी हुई और शहर के मुख्य मार्गों पर जलभराव के कारण ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। विशेष रूप से मुंबई मेट्रो की निर्माणाधीन लाइन‑3 पर अचार्य अत्रे चौक स्टेशन के पास जलभराव के कारण सेवाएं अस्थायी रूप से बाधित करनी पड़ीं।
प्रशासन सतर्क, नागरिकों को सलाह
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) और आपदा प्रबंधन विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और सतर्क रहें। मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों तक और अधिक वर्षा की संभावना व्यक्त की है। इसके साथ ही निम्न इलाकों में विशेष निगरानी रखी जा रही है जहाँ जलभराव और लैंडस्लाइड की संभावना अधिक होती है।
विशेषज्ञों की राय
जलवायु विशेषज्ञों का मानना है कि यह असामान्य मानसूनी व्यवहार वैश्विक जलवायु परिवर्तन का संकेत हो सकता है। इस तरह की घटनाएँ भविष्य में अधिक बार हो सकती हैं, जिससे शहर के बुनियादी ढांचे पर दबाव बढ़ेगा।