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भारत की अर्थव्यवस्था 2025 में: वैश्विक शक्ति की ओर एक मजबूत कदम

2025 में भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक मंच पर एक नई ऊँचाई पर पहुँच चुकी है। एक समय जिसे विकासशील देश माना जाता था, आज वही भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। यह केवल संख्याओं का खेल नहीं, बल्कि नीति, नवाचार, जनशक्ति और दीर्घकालिक सोच का परिणाम है।
वैश्विक रैंकिंग और सकल घरेलू उत्पाद (GDP)
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की अप्रैल 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान प्राप्त कर लिया है। भारत का नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अब $4.187 ट्रिलियन तक पहुँच चुका है, जबकि जापान $4.186 ट्रिलियन पर रह गया है। यह स्थिति केवल आंकड़ों की दृष्टि से नहीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भारत को वैश्विक नीतियों में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा।
आर्थिक वृद्धि की गति
भारत 2025 में 6.2% की वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि निजी खपत, तकनीकी नवाचार, और बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश के कारण संभव हो पाई है। अनुमान है कि 2027 तक भारत जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर आ जाएगा और $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
मुख्य आर्थिक क्षेत्र
1. सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल सेवाएँ: भारत की आईटी और सॉफ़्टवेयर सेवा कंपनियाँ अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। 2025 में इस क्षेत्र का कुल निर्यात $250 बिलियन को पार कर गया है।
2. स्टार्टअप और नवाचार: भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है, जहाँ 100 से अधिक यूनिकॉर्न कंपनियाँ कार्यरत हैं।
3. कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था: कृषि में प्रौद्योगिकी के प्रयोग और ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट एवं वित्तीय सेवाओं की पहुँच ने इस क्षेत्र को मजबूती दी है। 
4. मैन्युफैक्चरिंग और ‘मेक इन इंडिया’: भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और रक्षा उत्पादन क्षेत्र तेज़ी से बढ़ रहा है, जिससे निर्यात में भी सुधार हुआ है।
संरचनात्मक सुधार और नीति निर्माण
भारत सरकार ने आर्थिक विकास को स्थायित्व प्रदान करने के लिए कई प्रमुख सुधार किए हैं, जैसे कि:
गति शक्ति योजना: बुनियादी ढांचे के लिए एकीकृत डिजिटल योजना प्रणाली
डिजिटल इंडिया 2.0: हर नागरिक तक इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं की पहुँच
मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया और PMEGP: स्वरोजगार को प्रोत्साहन
चुनौतियाँ और समाधान
तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ कई चुनौतियाँ भी हैं, जैसे असमानता, बेरोजगारी, जलवायु परिवर्तन और कौशल की कमी। लेकिन सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर स्किल इंडिया, ग्रीन एनर्जी मिशन, और शिक्षा में निवेश जैसी पहलों से इन समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।
भविष्य की दिशा
2040 तक भारत को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भविष्यवाणी की जा रही है। यह तभी संभव है जब देश नवाचार, समावेशी विकास और सतत ऊर्जा नीतियों को अपनाता रहेगा। AI, क्लाउड कंप्यूटिंग, और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में भारत की बढ़ती भागीदारी इस लक्ष्य को और भी करीब लाती है।
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