लखनऊ, 2 जून 2025 — उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में स्थित मान्यता प्राप्त मदरसों की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और समावेशी बनाने के उद्देश्य से बड़ा सुधारात्मक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लिए गए निर्णय के अनुसार अब मदरसों में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा।
इस निर्णय का लक्ष्य मदरसा छात्रों को केवल धार्मिक शिक्षा तक सीमित न रखकर उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ना है, जिससे वे भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं, उच्च शिक्षा और रोजगार के अधिक अवसरों का लाभ उठा सकें।
क्या होगा नया ?
सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार : कक्षा 1 से 3 तक एनसीईआरटी (NCERT) आधारित किताबों का उपयोग होगा।कक्षा 4 से 8 तक के लिए राज्य शिक्षा संस्थान (SCERT) का पाठ्यक्रम लागू होगा।कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान अनिवार्य होंगे।उच्च कक्षाओं में कंप्यूटर शिक्षा, वाणिज्य, कृषि, और शारीरिक शिक्षा को भी जोड़ा जाएगा।सभी मान्यता प्राप्त मदरसों में कंप्यूटर लैब, विज्ञान प्रयोगशाला, पुस्तकालय, और स्वच्छ शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा। यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षा में सुधार के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है।

सरकार की सोच क्या है ?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा :
“हम चाहते हैं कि मदरसों से पढ़ने वाला बच्चा भी डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक या प्रशासक बने। इसलिए सभी छात्रों को समान अवसर देने के लिए आधुनिक विषयों को शिक्षा का हिस्सा बनाना आवश्यक है।”
सरकार के अनुसार यह निर्णय किसी धर्म विशेष को लक्षित नहीं करता, बल्कि यह शिक्षा में समानता और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक ठोस कदम है।
समाज की प्रतिक्रिया
इस निर्णय को लेकर समाज में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अभिभावकों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह बदलाव मदरसा शिक्षा को रोजगारपरक बनाएगा और छात्रों को देश की मुख्यधारा में लाएगा।हालांकि, कुछ धार्मिक संगठन इस बदलाव को धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप मानते हुए सरकार से संवाद की मांग कर रहे हैं।
भारत में मदरसा शिक्षा की स्थिति
भारत में हजारों मान्यता प्राप्त और गैर‑मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें लाखों छात्र पारंपरिक इस्लामी शिक्षा प्राप्त करते हैं। कुछ राज्य पहले ही अपने-अपने स्तर पर मदरसों में आधुनिक विषयों को शामिल कर चुके हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम सबसे व्यापक और सुनियोजित प्रयासों में से एक माना जा रहा है।